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- लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
- लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
- मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
- मानस में चौपाई संख्या = 4608 है।
- मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
- मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
- मानस में छन्द संख्या = 86 है।
- सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
- सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
- मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
- पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
- रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
- राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
- सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।
- नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
- त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।
- विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
- राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
- रावण को जिन्दा किया = सुखेन वै़द्य ने नाभि में अमृत रखकर।
- ब्रह्मा जी से मरीचि हुए
- मरीचि के पुत्र कश्यप हुए
- कश्यप के पुत्र विवस्वान थे
- विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए, वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था
- वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की
- इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए
- कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था
- विकुक्षि के पुत्र बाण हुए
- बाण के पुत्र अनरण्य हुए
- अनरण्य से पृथु हुए
- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ
- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए
- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था
- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए
- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ
- सुसन्धि के दो पुत्र हुए
- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित
- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए
- भरत के पुत्र असित हुए
- असित के पुत्र सगर हुए
- सगर के पुत्र का नाम असमंज था
- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए
- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए
- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे
- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है
- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए
- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे
- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए
- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था
- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए
- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए
- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे
- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए
- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था
- नहुष के पुत्र ययाति हुए
- ययाति के पुत्र नाभाग हुए
- नाभाग के पुत्र का नाम अज था
- अज के पुत्र दशरथ हुए
- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए| इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी
- पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ |
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