Agra Tourism, Agra Heritage Site, Agra Monuments

छोटे स्मारकों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाया जाये

छोटे-छोटे स्मारकों से जुड़े इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए केन्द्र व राज्य के पर्यटन विभाग तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा छोटी-छोटी 5-6 मिनट की फिल्म बनानी चाहिए जो सोशल मीडिया पर आसानी से साझा हो सके। इसके माध्यम से समय के साथ मिट रहे इतिहास को हम जीवन्त कर सकेंगे। यह मांग अन्तर्राष्ट्रीय स्मारक दिवस के अवसर पर आगरा डवलपमेन्ट फाउन्डेशन के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन द्वारा की गयी।

आगरा के सन्दर्भ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए0एस0आई) द्वारा संरक्षित अनेकों छोटे स्मारक हैं जिनके सम्बन्ध में हम नहीं जानते हैं चाहें वे झुनझुन कटोरा हो, जसवन्त सिंह की छतरी हो, नूरजहाँ की सराय हो या बत्तीस खम्बा। आगरा के लोग उनके विषय में कुछ भी शायद ही जानते हैं। झुनझुन कटोरा उस व्यक्ति की मजार है जिसने हुँमायू को बचाया था।

बत्तीस खम्बा यमुना नदी के किनारे बना वॉच टावर था जिसमें यमुना के द्वारा व्यापार करने वाले व्यवसायियों से कर वसूला जाता था। नूरजहाँ की सराय में व्यापारी रूकते थे। ग्वालियर रोड पर स्थित फिरोज खान का मकबरा भी नक्काशीदार लाल पत्थर का बना आकर्षक स्मारक है। कोसमिनार का इतिहास भी कम रोमांचक नहीं है। लेकिन इन सबसे हम अनभिज्ञ हैं। आवश्यकता है कि आधे दिन और पूरे दिन के बस टूर आयोजित किये जायें ताकि लोग इन सभी अनजाने स्मारकों से रूबरू हो सकें।

आगरा में विश्वदाय स्मारक ताज के अलावा भी बहुत कुछ देखने को है लेकिन वह सब प्रचार-प्रसार के अभाव में उपेक्षित है। केन्द्र व राज्य के पर्यटन विभागों को भी इस सम्बन्ध में उपेक्षित स्मारकों को लोकप्रिय बनाने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए।  
इस अवसर पर ए0डी0एफ0 की ओर से यह भी मांग रखी गयी कि ए0एस0आई0 द्वारा बिना टिकट वाले छोटे स्मारकों के चारों ओर 100 मी0 तक निर्माण निषेध सीमा को कम किया जाये अन्यथा छोटे स्मारकों के चारों ओर अनाधिकृत निर्माणों की बाढ़ आ रही है। इन छोटे स्मारकों के सम्बन्ध में निर्माण सम्बन्धी व्यवहारिक नियम बनाये जायें। इन विषयों को लेकर ए0डी0एफ0 का एक प्रतिनिधिमण्डल शीघ्र ही केन्द्रीय संस्कृति मंत्री से भी मिलेगा। ए0डी0एफ0 अध्यक्ष पूरन डावर द्वारा भी इन मांगों का समर्थन किया गया और स्मारक दिवस को सार्थक बनाने के लिए नीतियों में परिवर्तन की बात कही।